अध्याय 5 : वीरेन डगवाल – तोप
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1. विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल इसलिए होती है, क्योंकि ये चीजें हमारी धरोहर हैं, जिन्हें देखकर या जानकर हमें अपने देश और समाज की प्राचीन उपलब्धियों का ज्ञान होता है, मान होता है और ये चीजें हमें तत्कालिक परिस्थिति की जानकारी देने के साथ-साथ दिशा-निर्देश भी देती हैं। नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जाने, उनके अनुभवों से कुछ सीखे, इसी उद्देश्य से विरासत में मिली चीज़ों को सँभाल कर रखा जाता है।
प्रश्न 2. इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर-यह कविता हमें कंपनी बाग में रखी तोप के विषय में बताती है कि यह तो सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेज़ी सेना द्वारा प्रयोग की गई थी। इस तोप ने अपने गोलों से असंख्य शूरवीरों को मार डाला था। यह तोप बड़ी जबर थी परंतु अब यह तोप प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। अब इससे कोई नहीं डरता। इस पर बच्चे घुड़सवारी करते हैं। चिड़ियाँ, गौरैयें इसके भीतर घुस जाती हैं। यह तोप हमें बताती है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक न एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।
प्रश्न 3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?
उत्तर- कंपनी बाग में रखी तोप सुबह-शाम बाग में आने वाले सैलानियों को यह सीख देती है कि मैं बहुत बहादुर हूँ, जबरदस्त हूँ । यद्यपि शुरू में मेरा प्रयोग देशभक्तों के विरुद्ध किया गया और मैंने इसे बेमन से स्वीकार भी किया, लेकिन बाद में मेरा जीवन धन्य हो गया, जब मैंने अपने ज़माने में बड़े-बड़े बहादुर अंग्रेज़ों की धज्जियाँ उड़ाई थीं अर्थात् उन्हें नाकों चने चबवा कर उन्हें उनकी कुटिल कूटनीति का सब सिखाया था।
प्रश्न 4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?
उत्तर. कविता में जिन दो अवसरों पर तोप को चमकाने की बात कही गई है, वे हैं
- 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)
- 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)।
ये दोनों तिथियाँ हमारे देश के लिए ऐतिहासिक दिवस की प्रतीक हैं। इन्हें हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। देश पूरी तरह से राष्ट्रीय पर्व का हिस्सा बनता है। इन्हीं दोनों तिथियों पर इस तोप को भी चमकाया जाता है क्योंकि यह तोप हमारे विजेता और आज़ादी की प्रतीक होने के कारण एक राष्ट्रीय महत्त्व की वस्तु बन चुकी है। इसलिए राष्ट्रीय महत्त्व को ध्यान में रखते हुए इस तोप को चमकाया जाता है ताकि लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा | मिले और लोगों को स्वतंत्रता दिलानेवाले वीरों की याद दिलाई जा सके।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1.
अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप ।
उत्तर- इन पंक्तियों का आशय है कि तोप पर छोटे-छोटे बच्चों को घुड़सवारी करना, चिड़ियों का बैठना तथा गौरैयों का इसके अंदर घुस जाना यह सिद्ध करता है कि कोई भी वस्तु, व्यक्ति आदि कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक न एक दिन तो उसकी शक्ति निस्तेज हो ही जाती है अर्थात् नश्वर वस्तुएँ, व्यक्ति सदा एक जैसे नहीं रह सकते। उन्हें एक न एक दिन तोप की तरह ही चुपचाप रहना पड़ता है।
प्रश्न 2.
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद ।
उत्तर- इस कविता से हमें तोप के विषय में निम्नलिखित जानकारी मिलती है-
- कंपनी बाग के द्वार पर रखी यह तोप ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा रखी गयी।
- इस तोप का प्रयोग अंग्रेजों द्वारा 1857 में स्वाधीनता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों पर किया गया।
- यह तोप इतनी शक्तिशाली थी कि इसने असंख्य शूरवीरों को उड़ा दिया।
- आज यह खिलौनामात्र बनकर रह गई है जिस पर बच्चे घुड़सवारी करते हैं।
- चिड़ियाँ इस पर चहचहाती हैं और इसके अंदर-बाहर घूमती-फिरती हैं।
- तोप हमें यह जानकारी भी देती है कि दिन सदा एक-से नहीं होते हैं।
प्रश्न 3.
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे ।
उत्तर- इसका भाव है कि सन् 1857 की तोप, जो आज भी कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी हुई है, उसके सामने चाहे देशभक्त आया, चाहे देशद्रोही, उसने अपने जमाने के बड़े-बड़े वीर अंग्रेज़ों को भी परास्त कर दिया था, उनकी धज्जियाँ उड़ा दी थीं।